भारत एक कृषि समृद्ध देश है। यहां बड़े स्तर पर लोग खेती किसानी पर निर्भर हैं। सामान्य तोर पर कृषि एक कठोर परिश्रम वाला कार्य है। किसान भाइयों को फसल प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत की कसौटी पर खरा उतरना पड़ता है।
कृषि में श्रम, समय और धन का खर्चा तीनों की खपत होती है। भारत में खेती के लिए आधुनिक उपकरणों की स्वीकार्यता काफी बढ़ने से किसानों के लिए खेती करना आज के समय में बेहद सुगम हो गया है।
परंतु, आज भी बहुत सारे किसानों के लिए खेत की सिंचाई करना एक बड़ी समस्या बना हुआ है। खेत की सिंचाई करने के लिए कृषकों को मजदूर तथा मोटी धनराशि खर्च करनी पड़ती है।
किसानों की इस कठिनाई को सहज बनाने के लिए रांची की बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ने एक यंत्र का निर्माण किया है, जिसकी सहायता से किसान एक जगह पर खड़े रहते हुए भी पांच एकड़ खेत की सिंचाई कर सकते हैं।
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय ने वाटर स्प्रिंकलर मशीन को विकसित किया है, जिसके सहयोग से किसान मात्र 1 घंटे में एक जगह पर खड़े होकर 5 एकड़ खेत की बड़ी सहजता से सिंचाई कर सकते हैं।
इस मशीन के साथ किसानों के लिए खेतों की सिंचाई बेहद सहज हो जाएगी। साथ ही, इससे खेती में आने वाले खर्चा में भी कमी देखने को मिल पाएगी।
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय ने इस मशीन के अंदर कंप्रेसर मोटर लगाई है, जिससे 125 हॉर्स पावर जनरेट होती है। इस मशीन में एक टंकी उपलब्ध कराई गई है, जिसमें 20 लीटर तक पानी को भरा जा सकता है।
इस मशीन का इंजन डीजल के द्वारा चलता है और इसके साथ किसान 1 लीटर डीजल में 1 घंटे तक सुगमता से सिंचाई कर सकते हैं।
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विश्वविद्यालय ने इस मशीन में 100 फीट लंबा पाइप प्रदान किया है और इसके अंतिम छोर पर स्प्रिंकल मशीन है। इस मशीन से पानी एक साथ एक ही स्थान पर नहीं गिरता है और पानी बारिश की भांति बूंद-बूंद होकर एक बराबर खेत में जाता है, जिससे पानी की बर्बादी नहीं होती। साथ ही, खेतों की सिंचाई काफी सही-तरीके से हो जाती है।
आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि इस मशीन से पानी एक पाइप के माध्यम से काफी अच्छे प्रेशर के साथ निकलता है, जिससे किसान एक जगह खड़े होकर भी सुगमता से 200 मीटर तक पानी को पहुंचा सकते हैं।
लंबा पाइप होने से आप पीछे होकर भी पानी को खेत में बड़ी सहजता से पहुंचा सकते हैं। इस मशीन की ज्यादा हॉर्स पावर होने से पानी तीव्र गति से खेतों तक पहुंचता है।
बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ने वाटर स्प्रिंकलर मशीन की कीमत 01 लाख रुपये निर्धारित की गई है। छोटे एवं सीमांत किसानों के लिए इतना पैसा एक दम से लगाना काफी कठिन हो सकता है।
परंतु, 5-6 किसान इस मशीन को एक साथ मिलकर भी खरीद सकते हैं। किसान इस मशीन को खरीदने के लिए बिरसा कृषि विश्वविद्यालय को ऑर्डर दे सकते हैं।
किसान भाइयों को सिंचाई की बेहतर सुविधा देने के मकसद से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना चलाई जा रही है। योजना के अंतर्गत कृषकों को कृषि सिंचाई यंत्रों पर सब्सिडी का लाभ मुहैय्या कराया जाता है, जिससे कि वे सिंचाई में काम आने वाले कृषि यंत्रों की सस्ती कीमत पर खरीद कर सकें।
इसी कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से कृषकों को सिंचाई पंप सेट पर सब्सिडी दी जा रही है।
सिंचाई पंप सेट पर राज्य सरकार की ओर से किसानों को 55 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। ऐसी स्थिति में किसान आधी कीमत पर सिंचाई के लिए पंप सेट की खरीद कर सकते हैं।
इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से राज्य के किसानों से आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। इच्छुक किसान इस कल्याणकारी योजना के तहत आवेदन करके सब्सिडी का फायदा प्राप्त कर सकते हैं।
पंप सेट की सहायता से किसान कुएं और तालाब या होद जो भी जल संचय के लिए तैयार किया गया है। इस पंप सेट का उपयोग पानी को बाहर निकालने के लिए किया जाता है।
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पंप सेट की सहायता से किसान पानी को गहरे जल संचय स्त्रोतों से निकालकर पाइप द्वारा इच्छित जगह पर ले जा सकते हैं।
साथ ही, कृषि सिंचाई यंत्र की मदद से फसलों की सिंचाई का कार्य कर सकते हैं। सिंचाई पंप सेट दो तरह के होते हैं। पहला डीजल पंप सेट और दूसरा विद्युत पंप सेट। इनकी कीमतें भी भिन्न-भिन्न होती हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से राज्य के किसानों को सिंचाई यंत्रों पर 40 से लेकर 55% प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इसमें पंप सेट पर किसानों को 55% प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।
इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और लघु व सीमांत किसानों को 55% प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। जबकि सामान्य किसानों को 40% प्रतिशत ही अनुदान दिया जाएगा।
अगर आप योजना के अंतर्गत सिंचाई पंप की खरीद पर सब्सिडी का लुफ्त उठाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करना होगा।
आवेदन करते समय आवेदक की आधार कार्ड की कॉपी, बैंक पासबुक के प्रथम पेज की कॉपी, सक्षम अधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण-पत्र (केवल अनुसूचित जाति एवं जनजाति किसानों के लिए), बी-1 की प्रति, बिजली कनेक्शन का प्रमाण पत्र आदि दस्तावेजों का होना बेहद जरूरी है।
अगर आप मध्यप्रदेश के किसान हैं, तो आप इस योजना के अंतर्गत पंप सेट खरीदने के लिए अनुदान का लाभ हांसिल कर सकते हैं।
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योजना के अंतर्गत कृषि सिंचाई यंत्र प्राप्त करने के लिए आप इस योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://farmer.mpdage.org/home/LandingIndex# पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
वहीं, योजना से जुड़ी ज्यादा जानकारी के लिए किसान अपने जनपद के कृषि विभाग से संपर्क साध सकते हैं।
मध्य प्रदेश के कृषकों को सिंचाई पंप पर अनुदान के अतिरिक्त खेत में पाइप लाइन बिछाने के लिए भी सब्सिड़ी का फायदा प्रदान किया जाएगा।
राज्य के कृषकों को राष्ट्रीय मिशन ऑन ईडिबल ऑइल तिलहन (National Mission on Edible Oil Oilseeds), खाद्य एवं पोषण सुरक्षा दलहन (Food and Nutrition Security Pulses), पोषण सुरक्षा गेहूं (nutritional security wheat), पोषण सुरक्षा टरफा योजना (Nutrition Security Turfa Scheme) के तहत किसानों को पाइप लाइन एवं डीजल/विदयुत पंप सेट (Pipe Line and Diesel/Electric Pump Set) पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा।
बतादें, कि इसके अतिरिक्त बुंदेलखंड के लिए विशेष पैकेज दलहन के तहत भी पाइप लाइन सेट व पंपसेट पर अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।
इस योजना के अंतर्गत राज्य के पात्र किसान आवेदन करके पाइप लाइन व डीजल/विद्युत पंप पर अनुदान का फायदा हांसिल कर सकते हैं।